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लेखनी प्रतियोगिता -25-Aug-2023ए चाँद

ए चाँद!

ए चाँद !तुझे छूने की जिद में,
कदम गगन तक अब आए।
 कभी तुझे गीतों में रचते,
 कभी स्वरों में हम गाए।।

कभी बना तू प्रिय का आनन,
कभी बना कवि की कविता।
कभी स्मृतियों के मेघों में,
दमक रहा बनकर सविता।।
कभी पूर्णिमा कभी अमावस,
रूप विविध नित धर भाए।
ए चाँद! तुझे छूने की जिद में,
कदम गगन तक अब आए।।

करवाचौथ इंदु बनकर के,
तू व्रत पूरा करता है।
सदा सुहागन के जीवन में,
खुशियाँ तू ही भरता है।
नहीं रहा धर्मों से बंधकर,
तू सबका मन बहलाए।
ए चाँद! तुझे छूने की जिद में ,
कदम गगन तक अब आए।।

ईद चाँद बनकर तू चंदा,
सीख यही दे जाता है।
हर मज़हब में तेरी श्रद्धा
नहीं कौम गुण गाता है।।
बढ़ जाती है उर की धड़कन,
जब तू मुखड़ा दिखलाए।
ए चाँद! तुझे छूने की जिद में,
 कदम गगन तक अब आए।।

प्रीति चौधरी"मनोरमा"
जनपद बुलंदशहर
उत्तरप्रदेश

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5 Comments

Punam verma

26-Aug-2023 08:33 AM

Very nice

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Abhinav ji

26-Aug-2023 08:12 AM

Very nice 👍

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Reena yadav

26-Aug-2023 07:02 AM

👍👍

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